
PKD NEWS CHANNEL:- इलम सिंह चौहान
विकासनगर के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान जिनके ऊपर हाल ही में एक महिला स्टाफ द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था उक्त महिला स्टाफ की तहरीर के आधार पर कोतवाली थाना विकास नगर पर धारा ३५४/३७६ (२)(इ) के तहत डॉ विरेन्द्र सिंह चौहान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस द्वारा तब से आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए दबीश दी जा रही थी साथ ही आरोपी डॉ वीरेंद्र चौहान की गिरफ्तारी हेतु एसएसपी/डीआईजी देहरादून द्वारा १० हजार का इनाम घोषित किया गया है गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार होने के चलते माननीय न्यायालय से धारा ८२ सीआरपीसी की उद्घोषणा की गई और डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान के घर विकास नगर में धारा ८२ सीआरपीसी का नोटिस चस्पा किया गया। वहीं दूसरी ओर आरोपी सर्जन डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने मा० उच्चतम न्यायालय की शरण ली जहां से उत्तराखंड के माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख तक राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। आपको बता दें विकासनगर के जाने-माने एवं प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. वीरेंद्र चौहान जमानत की मांग को लेकर डॉ मा० उच्च न्यायालय गए थे , नैनीताल की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता डॉ के अंतरिम राहत आवेदन को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। उनके वकील द्वारा एक विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद एडवोकेट रोहिन ओझा ने मा० उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल की एकल पीठ द्वारा पारित आदेश को माननीय उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। मामला मा० न्यायमूर्ति एम.एम. की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। मा० न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति सुंदरेश ने १३/०९/२०२३ को सुनवाई की, जिसमें याचिकाकर्ता के वकील द्वारा तर्क दिए गए कि उत्तराखंड के माननीय उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने मामले पर निर्णय किए बिना मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित करने में गलती की है। याचिकाकर्ता के अंतरिम राहत आवेदन से उसके व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में कटौती होती है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील द्वारा प्रस्तुत दलीलों को सुना और नैनीताल में उत्तराखंड के माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख तक गिरफ्तारी पर राहत देते हुए फिलहाल रोक लगा दी है।