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तेज बुखार के मरीजों की डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस, जेई, मलेरिया और लेप्टोपायरसिस जांच जरूरी।

संवाददाता मोहम्मद जाबिर अंसारी लखीमपुर खीरी

 

स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय जूम मीटिंग में जिले के अधिकारियों को मिले निर्देश।

तेज बुखार के मरीजों की डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस, जेई, मलेरिया और लेप्टोपायरसिस जांच जरूरी।

जापानी इंसेफ़ेलाइटिस(जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) जैसी संक्रामक बीमारियों से प्रभावित प्रदेश के 18 जिलों में शामिल लखीमपुर खीरी के स्वास्थ्य अधिकारियों की सोमवार को लखनऊ के उच्चाधिकारियों के साथ जूम मीटिंग हुई। मीटिंग में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अरुणेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ हुई बैठक में खीरी सहित प्रदेश के 18 जिले शामिल थे, जहां जेई, एईएस जैसी बीमारियां पांव पसार रही हैं। इसको देखते हुए निर्देश दिया गया है कि लखीमपुर खीरी में सभी तेज बुखार के मरीजों को तत्काल 108 नम्बर एम्बुलेंस के जरिए दिमागी बुखार उपचार (ईटीसी) केंद्र पर भेजा जाए, ताकि मरीजों को समय से इलाज मिल सके। इसके साथ ही इस तरह के मरीजों का डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस, जेई, मलेरिया और लेप्टोपायरेसिस की जांच जरूर करायी जाये। जूम मीटिंग में यह भी कहा गया है कि जिस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इस तरह की जांच उपलब्ध नहीं हैं, वहां मरीजों का तुरंत खून का नमूना लिया जाए और उसको सेंटिनल लैब, जिला अस्पताल ओयल में भेजना सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही जिले में बने 12 ईटीसी केन्द्रों पर सभी तरह की दवायेँ उपलब्ध करायी जाएं। जिले में बने बाल सघन देखभाल इकाई (पीकू) को जल्द से जल्द संचालित कर मरीजों का इलाज शुरू किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जूम मीटिंग के जरिए दिए गए सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारीडॉ. धनीराम भार्गव व डा. लालजी पासी, जिला सर्विलांस अधिकारी और पाथ संस्था से अमरेश कुमार उपस्थित रहे।…..

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