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Uttarakhand:- नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सुबह से पूजा-अर्चना के लिए लगी कतारें

G K Singh

मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष पूजा का उत्सव नवरात्रि आज से शुरू गया है। इसको लेकर भक्तों में उत्साह बना हुआ है। नवरात्रि के पूरे नौ दिन देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा करने के लिए लगी रहेगी।

वहीं, घटस्थापना के साथ शुरू हुए नवरात्रि के मौके पर मंदिरों में सुबह से ही भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। मां पूर्णागिरी धाम और मंसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर मां का आशीर्वाद लिया।

भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के ज्योतिष प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि इस साल शारदीय नवरात्र पर शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बना। आज नवरात्र के पहले दिन सर्वार्थसिद्धि योग, यायीजय योग और शुक्ल योग सुबह 10 बजकर 12 मिनट तक रहा।

इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो गया है। जो कि मंगलवार 27 सितंबर को सुबह 8.45 तक रहेगा। शुक्ल व ब्रह्म योग में पूजा करना शुभ व फलदायी माना गया है। वहीं, 30 और 31 को रवि योग के अलावा सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है।

दो अक्तूबर सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य योग बन रहा है। कहा जाता है कि इस योग में मां भगवती की पूजा-अर्चना करना सबसे ज्यादा फलदायी साबित होता है। दो अक्तूबर को संध्या छह बजे तक सौभाग्य नामक योग बन रहा है। वहीं, 3 अक्तूबर को अष्टमी को शोभन योग दोपहर 3: 41 तक है। पांच अक्तूबर को सुकर्मा नामक योग बन रहा है।

पंडित योगेश भट्ट ने बताया कि नवरात्रि पहला योग शुक्ल योग है। आज से देवी मंदिरों में भीड़ उमड़ेगी और श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे। शहर के मनसा देवी, माता चंडी, देवी, माता माया देवी, माता श्री दक्षिण काली मंदिरों में नवरात्रों के अवसर पर विशेष रूप से सजावट की गई है।

वहीं, आज मां दुर्गा हाथी की सवारी पर पृथ्वी लोक में पधारीं। जिस दिन से नवरात्रि शुरू होते हैं, उसी दिन के अनुसार माता अपने वाहन पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी को लेकर तिथि के हिसाब से अलग-अलग सवारी तय है। देवी भागवत के अनुसार शशि सूर्य गजारूढ़ा, शनि भौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां, बुधे नौका प्रकीर्तिता। अर्थात यदि नवरात्रि रविवार, सोमवार से आरंभ हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।

शनि, मंगल को घोड़े पर, गुरु एवं शुक्र को डोली में और बुध को नाव में सवार होकर आती हैं। हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है। ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ कार्य होगा। लोगों के बिगड़े काम बनेंगे। माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी। व्रत रखने वालों को इस साल विशेष लाभ होगा।

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