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बहुद्देशीय लखवाड़ बांध परियोजना निर्माण कार्य हेतु आमंत्रित निविदा को बार- बार विस्तारित किए जाने से बांध प्रभावितों में निराशा
देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र के अंतर्गत यमुना नदी पर बन रही बहुद्देशीय लखवाड जल विद्युत बांध परियोजना के अंतर्गत 204 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी बांध 300 मेगा वाट क्षमता की भूमिगत विद्युत गृह एवं संबंधित अवशेष कार्य हेतु
PKD NEWS CHANNEL:- इलम सिंह चौहान
देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र के अंतर्गत यमुना नदी पर बन रही बहुद्देशीय लखवाड जल विद्युत बांध परियोजना के अंतर्गत 204 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी बांध 300 मेगा वाट क्षमता की भूमिगत विद्युत गृह एवं संबंधित अवशेष कार्य हेतु आमंत्रित निविदा महाप्रबंधक उत्तराखंड जल विद्युत निगम देहरादून द्वारा 14 वीं बार विस्तारित की गई है जिसके कारण सैकड़ों हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने वाली योजना से प्रभावित दर्जनों गांव के किसान काश्तकारों में अत्यंत हताशा निराशा व्याप्त हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना यह है कि समस्या का निदान करने की बजाय बार-बार निविदा को विस्तारित करने के कारण एवं स्थिति स्पष्ट किए बिना लखवाड़ बांध प्रभावित असमंजस की स्थिति में है उनका कहना है कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम कि यह कार्यशैली समझ से परे है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम को प्रभावितो की बैठक कर बार-बार परियोजना हेतु निविदा विस्तारित करने के कारणों सहित स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए ।
लखवाड़ निवासी जगमोहन सिंह चौहान अध्यक्ष लखवाड़ बांध एससी/एसटी जनकल्याण समिति एवं चेयरमैन कृषि उत्पादन मंडी समिति चकराता, साहिया द्वारा इस बारे में प्रबंध निदेशक उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड देहरादून को एक पत्र भेजकर संबंधित कार्य हेतु बार-बार निविदा विस्तारित करने के कारणों पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की क्योंकि कारण एवं स्थिति स्पष्ट ना होने से लखवाड़ परियोजना से प्रभावित होने वाले जिला टिहरी गढ़वाल और जिला देहरादून के किसान काश्तकारों में घोर निराशा व्याप्त हो गई है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि विभाग को इस संबंध विस्तार प्रभावितों को बताने का कष्ट करें कि निविदा को बार-बार विस्तारित क्यों किया जा रहा है और साथ ही उन्होंने मांग की कि लखवाड़ परियोजना के लिए जिन काश्तकारों की अवशेष भूमि अधिगम की जानी है उसका शीघ्र अधिग्रहण आरंभ किया जाएं और साथ ही साथ पूर्व में अधिग्रहित भूमि का जो अवशेष भुगतान /मुआवजा दिया जाना लम्बित है उसको काश्तकारों को शीघ्र देने की कार्रवाई अमल में लाई जाए , इसके साथ साथ बांध प्रभावितों परिवारों की गणना 2022 में करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की ।
जगमोहन सिंह चौहान ने यह भी कहा कि यदि उपरोक्त निविदा को आगे भी विस्तारित किए जाने की आवश्यकता है तो उसका भी संबंधित विभाग को कारण बताना चाहिए जिससे समस्त क्षेत्र में बांध प्रभावितों के बीच जो असंतोष का ज्वालामुखी सुलग रहा है वह विस्फोटक रूप धारण ना कर ले उन्होंने इस बात को लेकर निराशा प्रकट की कि लखवाड़ बांध परियोजना क्षेत्र के काश्तकार देश निर्माण के लिए अपनी पैतृक संपत्तियां सरकार के आग्रह पर खुशी खुशी देने के लिए विगत कई वर्षों से प्रतीक्षारत है परंतु ना जाने क्यों लखवाड़ बांध प्रभावित परिवारों के साथ जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य समुदाय के लोगों के साथ यह मजाक किया जा रहा है, उनका कहना है कि लखवाड़ परियोजना से संबंधित व्यासी बांध के प्रभावितों का मुआवजा काफी वर्ष पहले दिया जा चुका है जबकि लखवाड़ बांध भी उसी परियोजना का एक हिस्सा है यह समझ से परे है कि एक ही परियोजना में 2 मानक क्यों अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनकी मांग पर संज्ञान लेकर प्रबंध निदेशक उत्तराखंड जल विद्युत निगम अपने अधीनस्थों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित करवाएंगे।