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06 साल से कार्यरत दिल्ली / NCR गैंग का पर्दाफाश देश भर में इन्श्योरेन्स के नाम पर ठगी करता था गिरोह।

एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड /साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा गैर राज्य दिल्ली/एन0सी0आर के दल्लूपुरा गांव ईस्ट दिल्ली

PKD NEWS CHANNEL:- Surender Datt Joshi 

एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड /साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून द्वारा गैर राज्य दिल्ली/एन0सी0आर के दल्लूपुरा गांव ईस्ट दिल्ली से एल0आई0सी0 पॉलिसी के नाम पर पूरे भारत में ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को किया गिरफ्तार।

माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्त कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है ।*

 

वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा एल0आई0सी0 पॉलिसी में समस्या बताकर ठीक करने व निवेश करने के नाम पर करोडों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।

 

इसी क्रम में दिनांक 03-05-2023 को शिकायतकर्ता श्री अनसुया प्रसाद थपलियाल पुत्र स्व0 आर0पी0 थपलियाल निवासी 46/6, स्ट्रीट -11 कौलागढ रोड राजेन्द्र नगर थाना कैण्ट देहरादून ने साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर तहरीरी सूचना अंकित कराई, जिसमें शिकायतकर्ता के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को IRDA तथा IGMS विभाग का कर्मचारी बताते हुए शिकायतकर्ता के अनुरोध पर पॉलिसी को केन्सल कराने हेतु प्रोसेसिंग चार्ज की माँग करना तत्पश्चात अन्य अज्ञात व्यक्तियो द्वारा विभिन्न नम्बरों से सम्पर्क कर स्वंय को NPCI,इंश्योरेन्स कम्पनी, इनकम टैक्स आदि के कर्मचारी बताकर फन्ड वापस दिलाने की बात करते हुये विभिन्न चार्ज के नाम पर *43,23,351/-रुपये की धनराशि धोखाधडी* से प्राप्त करने सम्बन्धी शिकायत अंकित की गई । जिस पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 07/23 धारा 420,120बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला के सुपुर्द हुई । दौराने विवेचना पीड़ित के साथ 43,23,351/-रुपये की धोखाधड़ी होने की पुष्टि हुई है।

 

*अभियोग में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री आयुष अग्रवाल द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित की गई टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, तथा अभियुक्तो द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आया कि शिकायतकर्ता की धनराशि दिल्ली में स्थानान्तरित हुयी है के आधार पर टीम को दिल्ली भेजा गया।*

 

पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तो द्वारा पीडिता को जिस नम्बर से कॉल की गयी उक्त मोबाईल नम्बर की जानकारी करते हुए व धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि जिस खाते में स्थानान्तरित हुयी उसके लाभार्थी खाताधारक की जानकारी प्राप्त की गयी व उक्त खाते का खाताधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में *सलिप्त 01 आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर अभियोग से सम्बन्धित 06 अदद मोबाईल फोन, आधा दर्जन से अधिक सिम कार्ड, चैक बुक, 02 रजिस्टर जिसमें अपराध में प्रयोग किये जाने वाले खातों का विवरण अंकित है एवं 47,000/-रु0 नगद बरामद किये गये।*

 

*अपराध का तरीकाः-* साईबर ठगो द्वारा विभिन्न इश्योरन्स के पालिसी नम्बर एवं व्यक्तिगत जानकारी बताकर के वादी (*82 वर्ष*) का विश्वास जीता

और विभिन्न कारण जैसे पॉलिसी प्रीमियम ,मेचोरटी रिबेट आदि । *(Life Insurance Policies (LIC) in 2013, 2014, 2015 and 2016 with Reliance, Bharti AXA, HDFC and Future Generali)* साईबर पीड़ित वादी द्वारा अपने प्रथम सूचना विवरण के माध्यम से अवगत कराया कि उनके द्वारा वर्ष बन्द पडी बीमा पॉलिसी चालू कराने व धनराशि वापस कराने हेतु ऑनलाईन सर्च किया था, जिस पर शिकायतकर्ता के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को IRDA तथा IGMS विभाग का कर्मचारी बताते हुए शिकायतकर्ता के अनुरोध पर पॉलिसी को केन्सल कराने हेतु प्रोसेसिंग चार्ज की माँग करना तत्पश्चात अन्य अज्ञात व्यक्तियो द्वारा विभिन्न नम्बरों से सम्पर्क कर स्वंय को NPCI,इंश्योरेन्स कम्पनी, इनकम टैक्स आदि के कर्मचारी बताकर फन्ड वापस दिलाने की बात करते हुये विभिन्न चार्ज के नाम पर 43,23,351/-रुपये की धनराशि धोखाधडी से हड़प ली गई।

 

*गिरफ्तार अभियुक्तः-*

1-अजीत कुमार पुत्र बृजनन्दन शर्मा निवासी C.N-806 भडाना मौहल्ला दल्लूपुरा गाँव ईस्ट दिल्ली, दिल्ली उम्र-40 वर्ष।

 

*बरामदगीः-*

1- 06 मोबाइल फोन व आधा दर्जन से अधिक सिम कार्ड (घटना मे प्रयुक्त)

2- आधार कार्ड, पेन कार्ड व डी0एल0 –(अभियुक्त का)

3- चैक बुक

3- 47,000/- रुपये नगद ।

4- 02 रजिस्टर (जिसमें अपराध में प्रयोग किये जाने वाले खातों का विवरण अंकित है)

 

*आपराधिक इतिहास-*

*पूर्व में उक्त अभियुक्त अजीत कुमार को अम्बाला कैण्ट पुलिस, हरियाणा द्वारा 05 करोड़ के इंश्योरेंस ठगी में गिरफ्तार किया गया था। अगले माह इसकी अम्बाला कोर्ट में पेशी भी है।*

 

*प्रारंभिक विश्लेषण में पाया गया कि इस गिरोह ने पूरे देश में विभिन्न राज्यों में साईबर इंश्योरेंस के नाम पर ठगी की है, जिस क्रम में हैदराबाद पुलिस को इस गिरोह की तलाश है, साथ में इस गिरोह द्वारा तेलंगाना, उ0प्र0, बिहार, गुजरात आदि अन्य राज्यों में ठगी के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं। इसकी सूचना जल्द ही अन्य राज्य पुलिस को भी प्रेषित की जायेगी। जिससे अन्य राज्यों की पुलिस भी उक्त अभियुक्त को वारण्ट पर अपने-अपने राज्यों में पेश कर सके।*

*गिरोह का संबंध तेलंगाना के मामलों जैसे एफआईआर- 560/2021 साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन साइबराबाद, 85/2022 साइबर पुलिस स्टेशन साइबराबाद से भी है।*

*गिरोह ने गोपालगंज (बिहार), दिल्ली, उदयपुर (राजस्थान), उत्तर प्रदेश, हैदराबाद (तेलंगाना) में शिकायतों के साथ पूरे भारत में लोगों को धोखा दिया है।*

 

*उनका एक सहयोगी साइबर क्राइम पुलिस स्टेटन, हैदराबाद में एफआईआर- 175/2018 से भी जुड़ा हुआ है।*

 

*एक अन्य सहयोगी जयपुर (राजस्थान) और महाराष्ट्र में अपराधों से जुड़ा है।*

 

*गिरफ्तार आरोपी अजीत को 2021 में भी जेल भेजा गया था जहां उसने अपने सहयोगियों के साथ 5 करोड़ का अपराध किया था।*

 

*पुलिस टीमः-*

1- निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला

2- उ0नि0 राहुल कापडी

3- उ0नि0 हिम्मत सिह

3- अपर उप निरीक्षक मनोज बेनिवाल

4- कानि0 सोहन बडोनी

5- हे0कानि0 प्रमोद

6- कानि0 अनिल

7- कानि0 मोहन असवाल

 

*श्री आयुष अग्रवाल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड महोदय* द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व ऑनलाईन बिजली के बिल का भुगतान करने वाले, विभिन्न पॉलिसियों का ऑनलाईन समाधान करने, ऑनलाईन निवेश कराने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन भुगतान करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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